साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट-4 एसोसिएशन ने पीएम और वित्तमंत्री को लिखा पत्र - पत्र में सीजीएसटी छह माह के लिए माफ करने की भी मांग माई सिटी रिपोर्टर साहिबाबाद। जिले की सबसे बड़ी औद्योगिक इकाइयों के हजारों कर्मचारी व मजदूरों पर वेतन संबंधी संकट गहराने लगा है। केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन में बंद पड़ीं साहिबाबाद औद्योगिक इकाइयों के उद्यमियों ने अपने कर्मचारियों को आजीविका चलाने के लिए 25 प्रतिशत पैसे देकर अप्रैल माह के वेतन से मुक्ति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री को पत्र लिखा है। औद्योगिक एसोसिएशन ने वित्तमंत्री से सीजीएसटी को छह माह तक के लिए माफ करने की मांग की है। 12 बिंदुओं के इस पत्र को एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार को भी भेजा है। एसोसिएशन के महासचिव मुकेश गुप्ता का कहना है कि बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन लागू करने का निर्णय काफी सराहनीय है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने गरीब और असहाय लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चालू की हैं। लेकिन उद्यमियों के लिए आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कमी के अलावा अन्य किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है। गुप्ता का कहना है कि उद्योग ना चलने के बावजूद उद्यमियों पर कर्मचारियों का वेतन, विद्युत बिल, बैंक की किश्तें, जीएसटी, सम्पति कर एवं कर्मचारियों के ईएसआईसी के अंशदान का भुगतान की समस्या खड़ी हुई है। इनमें से कई प्रकार के टैक्स का भुगतान लॉकडाउन के कारण नहीं हो पाया है। लिहाजा, साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट-4 एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मांग की है कि समस्त उद्योगों को राहत देते हुए सीजीएसटी को आगामी छह माह के लिए माफ किया जाए, इसके अलावा लॉकडाउन में कारखाने और उद्योग बंद होने से व्यापार ठप है तो उद्यमियों को इस अवधि में कर्मचारियों और श्रमिकों को वेेतन देने से उन्हें मुक्त रखा जाए। हालांंकि, लॉकडाउन में कर्मचारियों को आजीविका चलाने के लिए 25 प्रतिशत वेतन देने की अनुमति प्रदान की जाए। बैंक की किश्तों को तीन माह के बजाय छह माह तक के लिए स्थगित कर इसपर कोई अतिरिक्त टैक्स ना लगाया जाए। वहीं ईपीएफ की सभी शर्तों को माफ किया जाए, लॉकडाउन की अवधि के दौरान उद्योगों से विद्युत बिल में फिक्स्ड चार्ज ना लिया जाए। इन समेत एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने 12 बिंदुओं में वित्त मंत्री से कई प्रकार की राहत देने की मांग की है। उधर, एसोसिएशन के इस पत्र के बाद तमाम कर्मचारी संगठन और श्रमिकों में चिंता बढ़ गई है। -------- सुमित कुमार
आजीविका को 25 प्रतिशत वेतन देकर अप्रैल माह के भुगतान से राहत देने की मांग