लॉकडाउन जैसे-जैसे लंबा खिंचता जा रहा है, वैसे ही दुकानदारों ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया है। दुकानदार सब्जियों और खाद्य सामग्रियों के मनमाने दाम वसूल रहे हैं। डीएम की ओर से गठित अफसरों और व्यापार मंडलों के पदाधिकारियों की संयुक्त समितियां भी इस पर एक्शन नहीं ले रही हैं। हालात यह है कि मंडी से दोगुने दामों पर सब्जियां और डेढ़ गुना दामों पर ग्रॉसरी कालोनियों में बेची जा रही हैं। लॉकडाउन के चलते लोग ज्यादा दामों पर भी इन्हें खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। राजनगर एक्सटेंशन की सबसे बड़ी सोसायटी वीवीआईपी एड्रेस के पूर्व एओए अध्यक्ष सुधीर त्यागी का कहना है कि सोसायटी के अंदर खुली ग्रॉसरी की दुकानों पर खाद्य सामग्रियों के दाम डेढ़ से दोगुना तक बढ़ा दिए गए हैं। रविवार को वह सूजी लेने गए तो दुकानदार ने 100 रुपये किलोग्राम की दर से सूजी दी। इसका दाम बाजार में करीब 40 रुपये प्रति किलोग्राम हैं। जो पैकेटबंद सामान पहले एमआरपी से 15 से 20 फीसदी कम रेट पर बिकते थे, उन्हें अब एमआरपी पर बेचा जा रहा है। इसी तरह आटा-दाल, चावल सभी खाद्य सामग्रियों के दाम दुकानदारों ने बढ़ा दिए हैं। अब दुकानदारों को लगता है कि लॉकडाउन की सख्ती की वजह से लोग सामान खरीदने बाहर नहीं जा सकेंगे। यही हाल सब्जियों का भी है। नेहरू नगर सेकेंड के ए-ब्लाक में रहने वाली रजनी जैन का कहना है कि सब्जी मंडी में आलू 100 से 120 रुपये के 5 किलो का रेट है, लेकिन कालोनी में 200 रुपये के 5 किलो आलू बेचे जा रहे हैं। टमाटर सब्जी मंडी में 25 से 30 रुपये हैं तो कालोनी में 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहे हैं। इसी तरह 60 रुपये किलो बैंगन, 50 रुपये किलो प्याज, 40 रुपये किलो लौकी बेची जा रही है। गली-मोहल्ले में सब्जियां बेचने वाले दुकानदार लॉकडाउन में लोगों के बाहर ना निकलने की पाबंदी का फायदा उठा रहे हैं।
सब्जियों-खाद्य सामग्रियों के मनमाने दाम वसूल रहे दुकानदार